हरिद्वार में विहिप केंद्रीय मार्गदर्शक की बैठक, भूमि जिहाद समेत गंभीर मुद्दों पर चर्चा  

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Haridwar: उतराखंड के हरिद्वार में विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की दो दिवसीय बैठक आज यानि बृहस्पतिवार से यहां शुरू हो रही है जिसमें लिव इन, समलैंगिकता, भूमि जिहाद, जनसांख्यिकीय बदलाव, मठ-मंदिरों के अधिग्रहण के अलावा वक्फ बोर्ड के असीमित अधिकारों पर चर्चा के साथ ही कई प्रस्ताव पारित किये जायेंगे.
देशभर से करीब 250 साधु-संत करेंगे कई गंभीर मुद्दों पर चर्चा
विहिप सूत्रों ने बताया कि बैठक में विहिप के पदाधिकारियों सहित देश भर से करीब 250 साधु-संत कई गंभीर मुद्दों पर चर्चा करेंगे. राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि बैठक से पहले संतों के कोर समूह की बैठक में यह तय किया जायेगा कि किन विषयों पर चर्चा होनी है. उन्होंने कहा कि इस समय देश के सामने कई गंभीर मुद्दे हैं, लेकिन देश भर में जनसांख्यिकी बदलाव और भूमि जिहाद बहुत बड़ी चिंता का कारण बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि बैठक में इन मुद्दों पर भी साधू संतों की सहमति से चर्चा हो सकती है.
राम मंदिर पर क्या बोले चंपत राय?
चंपत राय हरिद्वार में आज गुरूवार से हो रही विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की दो दिवसीय बैठक में भाग लेने आए हुए हैं. विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ नेता तथा श्री राम जन्म भूमि मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि, ’’अभी राम मंदिर के लोकार्पण की कोई तारीख तय नहीं की गई है और न ही इस बारे में ट्रस्ट में कोई चर्चा हुई है. जो खबरें मीडिया में आ रही है, वह सिर्फ कयासबाजी है’’.
पुरे भव्यता के साथ हो रहा राम मंदिर का निर्माण-चंपत राय  
पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि, राम मंदिर का निर्माण भव्यता के साथ किया जा रहा है. मंदिर की सीढ़ियों पर चढ़ना शुरू करें तो पूर्व से पश्चिम छोर तक मंदिर 380 फीट लंबा तथा दक्षिण से उत्तर तक 50 फीट चौड़ा है. जमीन से 161 फुट ऊंचा यानि तीन मंजिला है. उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण संतोषजनक, उत्साहवर्धक व आनंददायक है.
बैठक में किन प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर? 
विहिप के केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी ने बताया कि, बैठक में कुल चार सत्र होंगे और दूसरे दिन अंतिम सत्र में चर्चा के बाद कुछ प्रस्ताव पारित किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि वर्तमान में हिन्दू समाज में लिव इन और समलैंगिकता जैसी विकृतियां बढ़ती जा रही हैं, जिन्हें कैसे दूर कर आने वाली पीढ़ी को बचाया जाये, इस मुद्दे पर भी चर्चा के बाद प्रस्ताव पारित किया जा सकता है.