NASA का मून मिशन आर्टेमिस-1 की लॉन्चिंग टली

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इंजन में खराबी के कारण अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के आर्टेमिस-1 की लॉन्चिंग फिलहाल टल गई है. नासा ने ट्वीट करते हुए कहा है कि आर्टेमिस-1 का लॉन्च आज नहीं हो रहा है, क्योंकि इसके इंजन में कुछ समस्या आ गई है. टीम डेटा इकट्ठा कर रही हैं, ताकि इसे सुलझाया जा सके। हम आपको अगले लॉन्च प्रयास के समय पर पोस्ट करते रहेंगे. आर्टेमिस-1 को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से रवाना किया जाना था.

क्यूं टली मिशन को लांचिंग

आर्टेमिस-1  की आज सोमवार को भारतीय समयानुसार शाम 6.30 बजे नए स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट और ऑरियन क्रू कैप्सूल की पहली टेस्ट फ्लाइट होनी थी. नासा के मुताबिक, इंजन 3 में खराबी के कारण मिशन को फिलहाल रोका गया है. खबर के मुताबिक, इंजन फ्यूल का भी रिसाव हो रहा था. 322 फुट (98 मीटर) लंबा रॉकेट नासा द्वारा बनाया गया अब तक का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है. इस रॉकेट से करीब 42 दिनों के मिशन पर बिना चालक दल वाले ऑरियन स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च करने की योजना थी. इस मिशन से वैज्ञानिकों को ऑरियन क्रू कैप्सूल की क्षमता देखने को मिलनेवाली थी. स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा तक जाएगा और कुछ छोटे उपग्रहों को कक्षा में छोड़कर खुद कक्षा में स्थापित हो जाएगा. इस मिशन से नासा स्पेसक्राफ्ट को ऑपरेट करने की ट्रेनिंग हासिल करेगी तथा  चंद्रमा के आसपास के हालात की जांच करेगी.

आर्टेमिस-की लांचिंग की अगली तिथि की घोषणा का इंतजार

अब आर्टेमिस-1 की लांचिंग की अगली तिथि की घोषणा का इंतजार है. अंतरिक्ष यान को धीरे करने के लिए ओरियन अपने ऑनबोर्ड थ्रस्टर्स को फायर करेगा और चांद के गुरुत्वाकर्षण को इसे कक्षा में पकड़ने में मदद करेगा. इस चरण के दौरान ओरियन चांद से करीब 70 हजार किलोमीटर की यात्रा करेगा और पृथ्वी से अब तक की सबसे ज्यादा दूरी पर पहुंचेगा. इस दौरान अगर इसमें अंतरिक्ष यात्री होते तो उन्हें दूर से पृथ्वी और चांद का भव्य दृश्य दिखाई देता. ओरियन चांद की कक्षा में 6ह से 23 दिन बिताकर चांद की कक्षा से बाहर निकलने के लिए एक बार फिर अपने थ्रस्टर्स को फायर करेगा और खुद को पृथ्वी प्रक्षेपवक्र पर वापस लाएगा.

10 छोटे उपग्रह भी होंगे स्थापित

अगर आर्टेमिस-1 सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में पहुंच जाता है तो ये परियोजना के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा. मिशन के दौरान ओरियन 10 छोटे उपग्रहों को भी अंतरिक्ष में स्थापित करेगा जिन्हें क्यूबसैट के नाम से जाना जाता है. इस दौरान आइसक्यूब चांद की परिक्रमा करेगा और चांद पर बर्फ के भंडार की खोज करेगा और जिसका उपयोग भविष्य में चांद पर जाने वाले यात्री कर पाएंगे

लॉन्च से पहले तेज आंधी और बिजली गिरी

लांचिंग से पहले नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर में शनिवार को तेज आंधी के दौरान रॉकेट के पास स्थित लॉन्च पैड व 600 फुट के टावरों पर बिजली गिर गई. हालांकि, आंधी से न तो रॉकेट और न ही कैप्सूल को कोई नुकसान हुआ है. नासा के वरिष्ठ परीक्षण निदेशक जेफ स्पाउल्डिंग ने कहा कि यह हमला इतना मजबूत नहीं था कि बड़े पैमाने पर पुन: परीक्षण की गारंटी दी जा सके.

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