NASA: नासा का आर्टेमिस-1 रॉकेट 29 अगस्त को चंद्रमा की 42 दिन की यात्रा पर रवाना हो रहा है. सबसे अहम बात यह है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA के वैज्ञानिक पहली बार चंद्रमा के अंधेरे हिस्से में उतरेंगे. यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का वह हिस्सा है जो पृथ्वी से दिखाई नहीं देता. NASA के अंतरिक्ष लॉन्च सिस्टम की तैयारी लगभग अंतिम चरण में है. इसके जरिये आने वाले दो साल में इंसान को चंद्रमा पर भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
13 संभावित जगहों पर लैंडिंग की तैयारी
हाल ही में नासा ने एक बयान जारी कर कहा कि वह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास 13 संभावित जगहों पर अपने अंतरिक्ष यात्रियों को उतारेगा.चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव सबसे अधिक उबड़-खाबड़ और गड्ढों से भरा क्षेत्र है. नासा ने जिन 13 लैंडिंग क्षेत्रों को चुना है वे दक्षिणी ध्रुव के अक्षांश के 6 डिग्री के भीतर मौजूद हैं. इन 13 क्षेत्रों में फौस्तिनी रिम-ए, पीक नियर शेकलेटन, कनेक्टिंग रिज, कनेक्टिंग रिज एक्सटेंशन, डे गेरलेश रिम 1, डे गेरलेश रिम 2, डे गेरलेश-कोचेर मैसिफ, हावर्थ, मालापेर्ट मैसिफ, लेबनिट्ज बेटा प्लूटो, नोबील रिम 1, नोबील रिम 2, एमंडसेन रिम शामिल हैं.
NASA अंतरिक्ष लॉन्च सिस्टम की तैयारी पूरी
नासा के अंतरिक्ष लॉन्च सिस्टम की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है और यह लॉन्चिंग के अंतिम चरण में है. इसके जरिये आने वाले दो साल में इंसान को चंद्रमा पर भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. जिन लोगों को इस मिशन के लिए चुना गया है, उनका चयन वैज्ञानिक उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए किया गया है. नासा के अनुसार, इस बार मिशन में चंद्रमा पर कदम रखने वाली पहली महिला भी चालक दल का हिस्सा होगी.
आर्टेमिस-3 मिशन की 2025 में लॉन्चिंग की उम्मीद
नासा ने जिन तेेरह लैंडिंग जोन को चुना है वे दक्षिणी ध्रुव के अक्षांश के 6 डिग्री के भीतर हैं. यह सामूहिक रूप से कई भूगर्भीय विशेषताओं से भरा है. सभी आर्टिमस-3 की लॉन्चिंग को लैंडिंग विकल्प देते हैं. आर्टिमस-3 की लैंडिंग के लिए कई संभावित साइट है.आर्टेमिस-3 मिशन के तौर पर अंतरिक्ष यात्रियों के चंद्रमा पर उतरने के संभावित क्षेत्रों के तौर पर पहचान की है. आर्टेमिस-3 मिशन 2025 में अंतरिक्ष यात्रियों के साथ लॉन्च होने की उम्मीद है.