बेंगलुरु: देश चंद्रयान 3 की सफलता के जश्न में डूबा है. इसरो के तीसरे चंद्र अभियान चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल के चंद्रमा की सतह पर पहुंचने के साथ ही भारत ने बुधवार को इतिहास रच दिया. इससे भारत चांद की सतह पर कदम रखने वाला चौथा देश और हमारी पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया.
रोवर ‘प्रज्ञान’ लैंडर ‘विक्रम’ से सफलतापूर्वक बाहर निकला
इस बीच इसरो सूत्रों के मुताबिक बड़ी खबर है कि, रोवर ‘प्रज्ञान’ लैंडर ‘विक्रम’ से अलग हो गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन से जुड़े सूत्रों ने बताया कि, रोवर ‘प्रज्ञान’ लैंडर ‘विक्रम’ से सफलतापूर्वक बाहर निकल आया है और यह अब यह चंद्रमा की सतह पर घूमेगा और चंद्रमा के बारे विस्तृत जानकारी हासिल करेगा जिससे चांद के रहस्यों का पता चल सकेगा.
राष्ट्रपति ने ISRO को दी बधाई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘विक्रम’ लैंडर से रोवर ‘प्रज्ञान’ के सफलता पूर्वक बाहर आने पर इसरो की टीम को बधाई दी. उन्होंने ट्विटर पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘मैं ‘विक्रम’ लैंडर से रोवर ‘प्रज्ञान’ के सफलता पूर्वक बाहर आने पर एक बार फिर इसरो की टीम और देशवासियों को बधाई देती हूं। विक्रम की लैंडिंग के कुछ घंटों बाद इसका बाहर आना चंद्रयान 3 के एक और चरण की सफलता को दर्शाता है.’’
मुर्मू ने सोशल नेटवर्किंग साइट ‘ट्विटर’ पर कहा, ‘‘मैं अपने देशवासियों और वैज्ञानिकों के साथ पूरे उत्साह से उस जानकारी और विश्लेषण की प्रतीक्षा कर रही हूं जो प्रज्ञान हासिल करेगा और चंद्रमा के बारे में हमारे ज्ञान को समृद्ध करेगा.’’