पीएम मोदी ने किया मजबूत ब्रिक्स का आह्वान

जोहान्सबर्ग: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 23 अगस्त 2023 को जोहान्सबर्ग में दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में आयोजित 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया. नेताओं ने वैश्विक आर्थिक सुधार, अफ्रीका और ग्लोबल साउथ के साथ साझेदारी सहित महत्वपूर्ण चर्चा की और ब्रिक्स एजेंडे पर अब तक हुई प्रगति की भी समीक्षा की. इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए पीएम मोदी, ब्राजील और चीन के राष्ट्रपति पहुंचे हैं. रूस के राष्ट्रपति पुतिन वर्चुअल माध्यम से इस समिट में जुड़े. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित BRICS नेताओं ने सैंडटन कन्वेंशन सेंटर में पूर्ण सत्र में हिस्सा लिया. पीएम मोदी ने कहा कि, पिछले दो दशकों में ब्रिक्स ने बेहद शानदार यात्रा तय की है. हमारा न्यू डेवलपमेंट ब्रैंक ग्लोबल साउथ के देशों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत ब्रिक्स विस्तार का समर्थन करता है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन के दौरान किया एक मजबूत BRICS का आह्वान:

  • B– ब्रेकिंग बैरियर्स (बाधाओं को तोड़ना)
  • R– रिवाइटलाइजिंग इकोनॉमीज (अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करना)
  • I- इंस्पायरिंग इनोवेशन (प्रेरक इनोवेशन)
  • C– क्रिएटिंग अपॉर्चुनिटी (अवसर पैदा करना)
  • S-शेपिंग द फ्यूचर (भविष्य को आकार देना)

संबोधन में पीएम मोदी ने निम्नलिखित पहलुओं पर भी प्रकाश डाला:

15वें ब्रिक्स शिखर सम्मलेन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने यूएनएससी सुधारों के लिए निश्चित समय सीमा तय करने, बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों में सुधार, डब्ल्यूटीओ में सुधार तथा ब्रिक्स से अपने विस्तार पर आम सहमति बनाने का भी आह्वान किया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने BRICS से ध्रुवीकरण नहीं बल्कि एकता का वैश्विक संदेश भेजने का आग्रह किया तथा ब्रिक्स स्पेस एक्सप्लोरेशन कंसोर्टियम के निर्माण का प्रस्ताव पेश किया.
ब्रिक्स भागीदारों को इंडियन डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चरभारतीय स्टैक की पेशकश
ब्रिक्स भागीदारों को इंडियन डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर – भारतीय स्टैक की पेशकश की गई. ब्रिक्स देशों के बीच स्किल मैपिंग, कौशल और गतिशीलता को बढ़ावा देने का उपक्रम प्रस्तावित किया गया.
इसके अलावा—
चीतों का संरक्षण- इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस के तहत चीतों के संरक्षण के लिए ब्रिक्स देशों के संयुक्त प्रयासों का प्रस्ताव पेश किया गया.
पारंपरिक चिकित्सा- ब्रिक्स देशों के बीच पारंपरिक चिकित्सा का भंडार स्थापित करने का प्रस्ताव
ब्रिक्स साझेदारों से जी20 में एयू की स्थायी सदस्यता का समर्थन करने का आह्वान किया.