मकर सक्रांति के बाद गर्भगृह में रामलला के होंगे दर्शन

Ayodhya: अयोध्या में मकर सक्रांति के बाद शुभ तिथि पर रामलला विराजमान हो जाऐंगे. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने कहा है कि, वर्ष 2024 में मकर संक्रांति के बाद गर्भगृह में रामलला विराजेंगे. उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर के गर्भगृह का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा. उस समय सूर्य दक्षिणायन रहते हैं, इस दौरान शुभ कार्य निषेध रहता है. मकर संक्रांति पर सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं, उसके बाद जो भी शुभ तिथि व मुहूर्त होगा, उसी दिन गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इसके बाद भक्त गर्भगृह में रामलला का दर्शन कर सकेंगे.

तिथि पर सस्पेंस बरकरार

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्रट्रस्ट और मंदिर निर्माण समिति की 2 दिवसीय संयुक्त बैठक के बाद चंपत राय ने कहा कि मंदिर का ग्राउंड फ्लोर दिसंबर 2023 तक बन जाएगा. पहले हमारा अनुमान था कि भूतल का आधा हिस्सा ही तैयार हो पाएगा लेकिन काम की गति व इंजीनियरों से चर्चा के बाद यह बात सामने आई है। उन्होंने अभी तिथि को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि अभी तिथि को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है.

छह एकड़ में होगा परकोटा

मंदिर निर्माण समिति की बैठक में राममंदिर निर्माण की प्रगति से लेकर विस्तृत से चर्चा हुई. राममंदिर निर्माण की प्रगति से लेकर परकोटा निर्माण पर भी चर्चा की गई. राममंदिर का परकोटा एक किलोमीटर लंबा होगा, परकोटे के परिपथ में माता सीता, गणेश सहित रामायण के पात्रों के भी मंदिर बनने हैं, इनकी ऊंचाई कितनी हो इसको लेकर भी चर्चा हुई है. मंदिर की मजबूती व भव्यता के साथ-साथ मंदिर परिसर में हरियाली को लेकर भी बैठक में मंथन हुआ है. उन्होंने बताया कि पूरे मंदिर की परिक्रमा करने के दौरान भक्त थक सकते हैं. इसलिए परकोटे के परिपथ में उनके बैठने से लेकर पेयजल की भी व्यवस्था की जाए इस पर चर्चा हुई है. बताया कि परकोटा छह एकड़ में बनेगा. परकोटे में माता सीता, गणेश सहित रामायण के कई पात्रों के मंदिर बनने हैं. इन मंदिरों की ऊंचाई कम ही रखी जाएगी, मंदिर के ऊपर चढ़ने के लिए रेलिंग कैसी बने, पत्थर की बने या धातुओं की इसको लेकर मंथन हुआ.

मंदिर के स्तंभों पर कैसी होगी नक्काशी ?

मंदिर की मजबूती के साथ सुंदरता भी कम न हो इसको भी ध्यान में रखा गया है. साथ ही मंदिर परिसर में हरियाली अधिक से अधिक हो इसको लेकर भी विमर्श हुआ है. बैठक में ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि, सदस्य डॉ. अनिल मिश्र, महंत दिनेंद्र दास, आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा सहित टाटा, एलएंडटी व ट्रस्ट के इंजीनियर शामिल रहे. बैठक में मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के समक्ष इंजीनियरों नें मंदिर के स्तंभों पर की जाने वाली नक्काशी की ड्राइंग भी पेश की. स्तंभों पर कमल का फूल, कलश की नक्काशी ज्यादा से ज्यादा हो इस पर सहमति बनी.

2023 के दिसंबर तक ग्राउंड फ्लोर निर्माण पुरा होने की उम्मीद

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि, मंदिर का ग्राउंड फ्लोर, दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा. पहले हमारा अनुमान था कि भूतल का आधा हिस्सा ही तैयार हो पाएगा लेकिन काम की गति व इंजीनियरों से चर्चा के बाद यह तय हो गया है कि दिसंबर तक मंदिर का भूतल तैयार हो जाएगा. बताया कि भूतल यानि की गर्भगृह के लिए आवश्यक वंशीपहाड़पुर के पत्थरों की आपूर्ति लगातार हो रही है.