लिज ट्रस बनीं यूके की पीएम, शपथग्रहण आज

UK: ब्रिटेन में  सत्ताधारी कंजरवेटिव पार्टी में नेता पद की दौड़ विदेश मंत्री लिज ट्रस ने अपने पूर्व वित्तमंत्री भारतीय मूल के ऋषि सुनक को कड़े संघर्ष में हराकर जीत ली. लिज ट्रस की जीत की घोषणा के साथ अब आज वह प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगी. ट्रस  के सामने महंगाई, औद्योगिक अशांति और देश में मंदी की आशंका से निपटने की चुनौतियां होंगी. अर्थशास्त्रियों का कहना है कि पहले से ही विकराल हो चुकी मुद्रास्फीति की समस्या टैक्स कटौती के बाद और गंभीर हो सकती है.

कितने वोटों से जीतीं ट्रस ?

लिज को ऋषि सुनक ने कड़ी टक्कर दी. 2021 के बाद वह पहली ऐसी पीएम हैं, जिन्हें अपनी पार्टी के मतदाताओं के 60 फीसदी से कम का समर्थन मिला है. लिज के खाते में केवल 57 फीसदी वोट आए, जबकि 2019 में पीएम पद के लिए जॉनसन को 66.4 फीसदी पार्टी सदस्यों ने चुना था.

लिज ट्रस : 81,326

ऋषि सुनक : 60,399

रद्द किए गए वोट : 654

बोरिस जॉनसन आज सौंपेंगे त्याग-पत्र, लिज ट्रस  का होगा शपथग्रहण

लिज ट्रस की जीत की घोषणा के साथ ही सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. कई स्कैंडल में फंसने के बाद जुलाई में प्रधानमंत्री पद छोड़ने की घोषणा करने वाले वर्तमान पीएम बोरिस जॉनसन मंगलवार को स्कॉटलैंड जाकर महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को औपचारिक रूप से अपना त्याग-पत्र सौंपेंगे, ट्रस भी उनके साथ होंगी. महारानी उन्हें सरकार बनाने के लिए शपथ दिलाएंगी. 7 सितंबर को वह हाउस ऑफ कॉमन्स में पहली बार प्रधानमंत्री के तौर पर जाएंगी.

पीएम निवास से आज करेंगी संबोधन

महारानी के पद की शपथ दिलाने के बाद ट्रस लंदन लौटेंगी. यहां प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास 10, डाउनिंग स्ट्रीट से उनका देश के लिए पहला भाषण होगा. शाम करीब चार बजे, भारतीय समयानुसार रात 8.30 बजे  वह अपने मंत्रिमंडल का चुनाव करेंगी. इन मंत्रियों को महारानी वर्चुअली शपथ दिलाएंगी. इसके बाद विभागाध्यक्ष मंत्रियों को उनकी मुहर सौंपने की रस्म अदा करेंगे.

ऋषि सुनक ने दिया समर्थकों को धन्यवाद

देश की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनने वाली लिज ट्रस को पार्टी के 57.4 तो ऋषि सुनक को 52.6 फीसदी वोटरों का समर्थन मिला. हार के बाद ऋषि ने ट्विटर पर उनका समर्थन करने वाले पार्टी सदस्यों को धन्यवाद दिया. साथ ही उन्होंने कहा कि कंजरवेटिव पार्टी एक परिवार है  अब हम सब नई प्रधानमंत्री के साथ एकजुट हैं, जो देश को संकट से निकालने की चुनौती का सामना कर रही हैं.