पटनाः बिहार के भागलपुर जिले में गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल ढह गया. खबर के मुताबिक, निर्माणाधीन पुल के चार खंभे गंगा नदी में भरभराकर गिर गये हालांकि घटना का सही कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. भागलपुर को खगड़िया जिले से जोड़ने वाले अगुवानी-सुल्तानगंज के गिरने पर राज्य सरकार के अधिकारियों ने सफाई देते हुए कहा कि, पुल के कुछ हिस्सों को विशेषज्ञों की सलाह के तहत योजनाबद्ध तरीके से जानबूझकर ध्वस्त कर दिया गया क्योंकि इसमें डिजाइन में खामियां थीं. सवाल यह उठता है कि अगर डिजाईन में खामियां थी तो ध्वस्त करने की तिथि का एलान सरकार द्वारा क्यूं नहीं किया गया था. इसलिए सवाल उठ रहे हैं कि निर्माणाधीन पुल गिराई या गिर गया है. बहरहाल राहत की बात यह है कि,पुल के गिरने से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है लेकिन सूत्रों के हवाले से 2 गार्ड लापता बताए जा रहे हैं जिसकी अभी औपचारिक पुष्टि नहीं है.
तेजस्वी की सफाई- विशेषज्ञों ने बताई थी गंभीर खामियां
इस घटना के बाद उपमुख्यमंत्री-तेजस्वी यादव और सड़क निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने आनन-फानन में प्रेसवार्ता आयोजित कर सरकार के तरफ से सफाई दी. उपमुख्यमंत्री-तेजस्वी यादव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आपको याद दिला दूं कि, पिछले साल अप्रैल को इस पुल का एक हिस्सा ढह गया था इसके बाद, हमने निर्माण मामलों में अपनी विशेषज्ञता के लिए मशहूर आईआईटी-रुड़की से एक अध्ययन करने के लिए संपर्क किया. इसकी अंतिम रिपोर्ट आनी बाकी है लेकिन संरचना का अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों ने हमें सूचित किया था कि इसमें गंभीर खामियां हैं’’
तेजस्वी ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘पिछले साल इस पुल का एक हिस्सा आंधी में ढह गया था. यह एक ऐसी घटना थी, जिसके बारे में व्यापक रूप से चर्चा हुई थी और मैंने विपक्ष के तत्कालीन नेता के रूप में इसे मजबूती से उठाया था. सत्ता में आने पर हमने जांच के आदेश दिए और विशेषज्ञों की राय मांगी.’’
किस कंपनी को दिया गया है निर्माण का ठेका?
खबर के मुताबिक, हरियाणा की एसपी सिंगला कंस्ट्रकशन (sp singla construction) इस पुल का निर्माण की जिम्मेवारी दी गयी है. इसका एक हिस्सा पहले भी गिर चूका था. लेकिन कोई ठोस कारवाई नहीं की गई थी जिसको लेकर राज्य सरकार के काम काज पर सवालिया निशान खड़े किये जा रहे थे. पिछले साल अप्रैल में इस निर्माणाधीन पुल का सुपर स्ट्रक्चर तेज आंधी और बारिश में करीब 100 फीट लंबा हिस्सा भरभराकर गिर गया था, हालांकि, उस वक्त जानमाल को क्षति नहीं पहुंची थी. इसके बाद पुल निर्माण का काम फिर शुरू हुआ. इस बार करीब 80 प्रतिशत काम सुपर स्ट्रक्चर का पूरा हो गया था. इतना ही नहीं अप्रोच रोड का काम भी 45 फीसदी पूरा कर लिया गया है.
1710 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा है पुल का निर्माण
1710 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस पुल को उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाली बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना माना जाता है. जिसका मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 फरवरी 2014 को इसका शिलान्यास किया था. इस पुल तथा सड़क निर्माण से एनएच 31 तथा एनएच 80 आपस में जुड़ जाएंगे. इस पुल की लंबाई 3.160 किलोमीटर है जबकि एप्रोच पथ की कुल लंबाई करीब 25 किलोमीटर है. इस पुल के चालू हो जाने से उत्तर बिहार के कई जिलों की दूरी कम हो जाती. सितंबर 2015 में 1710 करोड़ रुपये की लागत से पुल और एप्रोच पथ का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. पूर्व में पुल का निर्माण कार्य नवंबर 2019 में पूरा करने का डेडलाइन था, जिसे बढ़ाकर जुलाई 2021 किया गया था. 2023 के अंत तक पुल के पूरा होने की संभावना व्यक्त की जा रही थी लेकिन इस हादसे के बाद अब और देरी होगी.
सीएम नीतीश कुमार ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट, दिया घटना की जांच के आदेश
घटना की खबर मिलने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभाग के संबंधित अधिकारियों को तलब किया और दुर्घटना पर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी. हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और जिम्मेदार लोगों की पहचान करने के लिए कहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भवन निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को मामले की पड़ताल के लिए एक जांच समिति गठित करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
अंतिम रिपोर्ट आने के बाद कंपनी पर कार्रवाई की तैयारी
सड़क निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा, ‘‘यह निर्णय लिया गया कि हमें कोई जोखिम नहीं लेना चाहिए इसलिए पुल के कुछ हिस्सों को गिराने का फैसला किया गया. आज की घटना ऐसी ही एक कवायद का हिस्सा थी.’’उन्होंने कहा कि अंतिम रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार उस कंपनी को काली सूची में डालने और प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई करेगी, जिसे परियोजना का ठेका दिया गया था.
विपक्ष का सरकार पर हमला- मांगा सीएम नीतीश कुमार का इस्तीफा
भागलपुर में हुई इस घटना की तस्वीरें सामने आने के बाद विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है. भाजपा ने हमलावर तेवर अपनाते हुए इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस्तीफा मांगा है. भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि यह घटना दर्शाती है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार के शासन में ‘‘भ्रष्टाचार व्याप्त है, पुल के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है मुख्यमंत्री को बिहार के विकास की जरा भी चिंता नहीं है. वह अपने दौरे पर व्यस्त हैं. इस घटना के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.’’
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— Samrat Choudhary (@SMCHOUOfficial) June 4, 2023
भाजपा नेता एवं भागलपुर के पूर्व सांसद सैयद शाहनवाज हुसैन ने घटना के लिए ‘‘भ्रष्टाचार’’ को जिम्मेदार ठहराते हुए मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
भागलपुर में 1750 करोड़ की लागत से बन रहा सुल्तानगंज-अगुवानी पुल के बड़े हिस्से का फिर से ध्वस्त होना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे भ्रष्टाचार की बू आ रही है ।
राज्य सरकार को केंद्रीय एजेंसी से जाँच करवानी चाहिए कि आख़िर ऐसा क्यों हो रहा है। pic.twitter.com/2EeMkQcmQw
— Syed Shahnawaz Hussain (@ShahnawazBJP) June 4, 2023
गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में नालंदा जिले में एक निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई थी और एक अन्य घायल हो गया था.