क्या खुलेगा पुरी श्री जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार का राज?

87
पुरी: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम ने रविवार को दूसरे दिन ही श्री जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार का तकनीकी सर्वेक्षण काम पुरा कर लिया. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के अनुसार, रत्न भंडार के अंदर कोई गुप्त कक्ष या सुरंग है या नहीं इसका पता लगाने के लिए तकनीकी सर्वेक्षण का दूसरा चरण 21 सितंबर से 23 सितंबर के लिए तय किया गया था. सर्वेक्षण का पहला चरण 18 सितंबर को हुआ था, जब ASI के अतिरिक्त महानिदेशक जे. शर्मा के नेतृत्व में 17 सदस्यीय तकनीकी टीम ने पाढी और न्यायमूर्ति रथ की उपस्थिति में रत्न भंडार का प्रारंभिक निरीक्षण और इसकी ‘लेजर स्कैनिंग’ की थी.

क्या है तकनीकी सर्वेक्षण का मकसद ?

श्री जगन्नाथ मंदिर के रहस्यमयी रत्न भंडार में क्या कोई गुप्त तहखाना है ? भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने अत्याधुनिक रडार और स्कैनिंग तकनीक के माध्यम से सर्वे शुरू किया. इसके जरिए मंदिर के खजाने के आसपास छिपी किसी गुप्त स्थान का पता लगाना है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने अत्याधुनिक रडार और स्कैनिंग तकनीक के माध्यम से सर्वे शुरू किया. इसके जरिए मंदिर के खजाने के आसपास छिपी किसी गुप्त स्थान का पता लगाना है. रत्न भंडार इन्वेंट्री कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस बिस्वनाथ रथ ने कहा कि सर्वेक्षण से पता लगाया जाएगा कि रत्न भंडार में कोई छिपा हुआ कक्ष या सुरंग है या नहीं. वे इस उद्देश्य के लिए एक अत्याधुनिक रडार लाए हैं. सर्वेक्षण रिपोर्ट मिलने के बाद रत्न भंडार के जीर्णोद्धार और संरक्षण की दिशा में कार्रवाई की दिशा तय की जाएगी.

तीन दिनों के बजाय दो दिनों में निरीक्षण पूरा कर लिया गया.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार,सर्वेक्षण राज्य सरकार की अनुमोदित मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के अनुसार किया गया. यह सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम को भी अंतिम रूप दिया गया है कि भगवान जगन्नाथ और सहोदर देवताओं के सभी अनुष्ठान बिना किसी समस्या के संपन्न हों. ASI ने शनिवार को सीएसआईआर-राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के विशेषज्ञों के साथ सर्वेक्षण शुरू किया और अधिकारियों के अनुसार यह आज रविवार की शाम समाप्त हो गया. SJTA (Sri Jagannatha Temple Administration) ने 18 सितंबर को ASI को पत्र लिखकर दशहरा और ‘कार्तिक’ महीने के दौरान भगवान जगन्नाथ के विशेष अनुष्ठानों के मद्देनजर 24 सितंबर तक तकनीकी सर्वेक्षण पूरा करने का अनुरोध किया था.

दस दिनों में रिपोर्ट आने की संभावना

श्री जगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाढ़ी के अनुसार, वैज्ञानिक सर्वेक्षण संपन्न हो हो गया और अगले 10 दिनों में रिपोर्ट आने की उम्मीद है जिसके बाद विशेषज्ञों की मदद से आवश्यक कदम उठाए जाऐंगे. इसी तरह श्री श्री जगन्नाथ मंदिर रत्न भंडार समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ ने कहा कि ASI की रिपोर्ट मिलने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान ( CSIR-NGRI) के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक आनंद किशोर पांडे के नेतृत्व में मंदिर के रत्न भंडार का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया गया.

46 साल बाद दोबारा खोला गया था खजाना

भगवान जगन्नाथ मंदिर के खजाने को बीते जुलाई महीने में 46 साल बाद दोबारा खोला गया. इस खजाने में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के बेशकीमती आभूषण और दुर्लभ रत्नों का संग्रह है. पिछली बार 1978 में खजाने को खोला गया था, जब जौहरियों को बुलाया गया था, लेकिन वे भी रत्नों की कुल कीमत का अंदाजा लगाने में असमर्थ रहे थे
Team Hindi News Wire
Previous articleअमेरिका ने भारत को 297 पुरावशेष वस्तुएं वापस की
Next articleसरकार ने दिया रेल कर्मचारियों को शानदार तोहफा